बतकही

बातें कही-अनकही…

शोध/समीक्षा

1857 का विद्रोह : ईसाई-धर्मान्तरण की अफ़वाहों का सच

एक सवाल है, कि भारत-भूमि पर सबसे पहले किसने किसका धर्मान्तरण किया होगा? क्योंकि भारत में आनेवाले पहले विदेशी तो आर्यों के अलग-अलग जत्थे ही थे; जिनके आने से पहले भारत के निवासियों के पास अपना धर्म, अपनी सभ्यता और संस्कृति थी | जिसके बेहद ठोस और अकाट्य प्रमाण हैं सिंधु-सभ्यता से मिलनेवाले सैकड़ों पुरातात्विक-अवशेष; जिसमें पशुपति की मूर्ति से लेकर पुजारी की मूर्ति, धार्मिक-प्रयोजन से निर्मित लिंग और योनि की मूर्तियाँ एवं विशाल स्नानागार…

शोध/समीक्षा

1857 का विद्रोह : ब्रिटिश-सेना के नियमों से भारतीयों की नाराज़गी का सच

1857 के विद्रोह को ‘जन-विद्रोह’ के साथ-साथ ‘सैनिक-विद्रोह’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें सैनिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था; सवर्ण-सैनिकों ने | केवल अवध से ही 75000 सवर्ण-सैनिकों (अधिकांश ब्राह्मण) के इस ‘महाविद्रोह’ में भाग लेने की जानकारी मिलती है | ‘ब्रिटिश-सैनिक’ के रूप में सवर्ण-पुरुष अपनी ही मर्जी से ब्रिटिश-सेना में शामिल हुए थे, अंग्रेजों ने इसके लिए उनको मजबूर नहीं किया था | सवर्ण-सैनिक भारतीय-शासकों के ख़िलाफ़ विभिन्न ब्रिटिश-अभियानों में जाते थे,…

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1857 का विद्रोह : ‘समान दंड संहिता’ से सवर्ण-समाज को क्यों कष्ट हुआ?

जब अंग्रेजी ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ भारत आई और उसने अपने पैर जमा लिए, तब अपने प्रभाव को व्यापक बनाने के ऊदेश्य से और कुछ न्यायपूर्ण व्यवस्था स्थापित करने के लिए भी, उसने कई महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली कानून बनाए | उसी के साथ उन कानूनों के पालन की महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यवस्थाएँ भी की गईं और न्यायपालिका के जरिए विविध अपराधों के संबंध में न्याय की व्यवस्था भी की गई | वॉरेन हेस्टिंग्स के समय (1772-1785…

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