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विश्व पुस्तक मेला 2023

खंड-छः : पुस्तक मेले में धार्मिक अल्पसंख्यक समाज इस बार 2023 का विश्व पुस्तक मेला (दिल्ली) जिस तरह से सनातनी समाज के एक हिस्से के आतंक से व्याप्त था, उस प्रभाव को देखते हुए यह प्रश्न बहुत मायने रखता है कि धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग, ख़ासकर मुस्लिम और ईसाई समाज की कैसी उपस्थिति और भागीदारी उस पुस्तक मेले में थी? वास्तव में पिछले 12-13 सालों में जो भय, आशंका और आतंक का माहौल पूरे देश में…

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विश्व पुस्तक मेला 2023

खंड-चार : पुस्तक मेले में वंचित-समाज हॉल संख्या 2, 3 और 4 (जो अगल-बगल ही थे) के बाहर लगभग 8-9 बच्चे (जिनमें लड़के और लड़कियाँ दोनों ही थे) एक-दूसरे का हाथ पकड़े चहलकदमी करते हुए दिखाई दिए | वे या तो उनमें से किसी हॉल की ओर जाने का उपक्रम कर रहे थे या किसी हॉल से निकलकर बाहर जाने से पहले पूरे परिसर को देख लेने के ख्वाहिशमंद थे | बच्चों की उम्र अंदाजन…

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विश्व पुस्तक मेला 2023

खंड-तीन : पुस्तक मेले में ‘मोदी-वंदना’ के निहितार्थ जैसाकि पुस्तक-मेले से संबंधित पिछले लेखों से आभास मिल रहा है कि 2023 का विश्व पुस्तक मेला (दिल्ली) एक ‘ख़ास प्रभाव’ से आच्छादित रहा, तो स्वाभाविक है कि उस ‘ख़ास प्रभाव’ का असर चारों ओर दिखाई देना ही था | उसी में शामिल है वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहाँ विविध प्रकार से जबरन ख़ूब अधिक हाईलाइट किया जाना; जिस प्रकार से मौक़े-बेमौक़े पूरे देश में ‘मोदीनामा’…

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विश्व पुस्तक मेला 2023

खंड-दो : पुस्तक मेले पर सनातनी-कब्ज़े की कोशिश पहले खंड से आगे... इस साल के विश्व पुस्तक मेले में मेरा दो दिन जाना हुआ, 3 मार्च और 5 मार्च को | इन दो दिनों के दौरान मैंने पुस्तक मेले के मिजाज़ को भी समझने की यथासंभव कोशिश की | वह ख़ास मिजाज़ था, लगभग सम्पूर्ण पुस्तक मेले को अपने प्रभाव और ताक़त से आच्छादित करता हुआ सनातनी-प्रभाव, जो उसके हर हिस्से को कम या अधिक…

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