स्कूलों में कार्यक्रमों की रेल और धीरे-धीरे ग़ायब होती शिक्षा
लॉकडाउन के बाद से खुले विद्यालयों में बहुत सारी बातें बहुत ख़ास दिखाई देती हैं— उनमें से एक बहुत विशिष्ट बात है, जो इस लेख का विषय है, वह है सभी विद्यालयों में अनेकानेक प्रतियोगिताओं (चित्रकला, लेख, निबंध, खेल, शब्दावली और दर्ज़नों ऐसी ही प्रतियोगिताएँ) एवं सांस्कृतिक-कार्यक्रमों की बाढ़ और बड़े से लेकर छोटे स्थानीय छुटभैये नेताओं/नेत्रियों की जयंतियों की रेलमपेल; और उन सबकी आवश्यक रिपोर्ट सहित डिजिटल साक्ष्य भी बनाकर शिक्षा-विभागों को भेजने की…