बतकही

बातें कही-अनकही…

कथेतर

आशीष नेगी

कला के मार्ग से शिक्षा के पथ की ओर भाग-तीन :— रंगमंच, बच्चे और सपनों की दुनिया क्या आपने कभी अपने आस-पास एक अध्यापक को अपने कन्धों पर एक भारी थैला लटकाए उत्तराखंड की काँटों एवं कीड़े-मकोड़ों से भरी पथरीली-सर्पीली राहों में पगडंडियों के सहारे पहाड़ों की ऊँचाइयों को नापते या घाटियों की गहराई में उतरते देखा है? आपका कभी ध्यान जाय, तो देखिएगा अवश्य, आपके आसपास ही कहीं एक आशीष नेगी नाम का अध्यापक…

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