1857 का विद्रोह : ‘रोटी’ और ‘कमल’ ही सन्देशवाहक क्यों बने?
1857 के विद्रोह को ज्योतिबा फुले ‘चपाती विद्रोह’ कहते हैं, सवाल है कि क्यों? दरअसल ब्राह्मणों ने अपने गुप्त संदेश गाँव-गाँव पहुँचाने के लिए कमल के फ़ूल के साथ-साथ चपाती/रोटी का प्रयोग किया था | उस ‘चपाती विद्रोह’ के प्रमुखतम सूत्रधार छुपे रूप में ब्राह्मण पेशवा नाना साहेब के नेतृत्व में समस्त ब्राह्मण ही थे1, जिन्होंने मुगलों के कंधों पर रखकर बंदूक चलाई थी— मौक़ा पाते ही “मराठा सरदार (मराठा नहीं, बल्कि मराठों के प्रधानमंत्री,…