बतकही

बातें कही-अनकही…

कथा

औक़ात वाले सपने

-- “अरे सुनीता, ये बच्चे जिस समाज के हैं, यदि उस समाज के बच्चे भी बड़े सपने देखने लगेंगे, तो हमारे समाज के लिए ख़तरा पैदा कर देंगें | फिर हमारे बच्चों का और हमारे समाज की श्रेष्ठता का क्या होगा? ये तो हमारी बराबरी करने लगेंगे...! ...इसलिए यही अच्छा होगा, कि ये बच्चे भी वही करें, जो इनके समाज के लोग करते हैं और केवल सफ़ाईकर्मी या किसान बनने का ही सपना देखें |…

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