‘सुबह के अग्रदूत’— एक
पल्लवी रावत हम सबने कभी न कभी अल-सुबह या ब्रह्म-मुहूर्त में सूरज के निकलने की दिशा में उसके ठीक आगे-आगे आते हुए उस चमकते तारे को अवश्य देखा होगा, जो सूरज के आसमान में उदीयमान होने के ठीक पहले उसी स्थान से ऊपर उठता है, जहाँ से सूरज को आना है | वह लोगों को सूरज के आने और सुबह होने की सूचना देता है | ...जब घड़ियाँ नहीं होती थीं, तब लोग उसे ही…