बतकही

बातें कही-अनकही…

कविता

कस्तूरबा का सवाल

सत्य के जो प्रयोग आपने किए थे, ‘राष्ट्रपिता’ जिसमें शामिल थे आपके कामुक-प्रयोग भी जिसके लिए आपने ली थी सहायता अपनी सेविका स्त्रियों की मैं सहमत नहीं हूँ उनसे ! घृणित हैं वे कामुक-प्रयोग ! और आपका समाज के सामने मुझे ‘बा’ कहना— ‘बा’ अर्थात् ‘माँ’ ! अपनी इस ‘महानता’ को खूब प्रचारित किया आपने और महान बन गए, सबकी नज़रों में ! सबने श्रद्धा से कहा—- ‘बापू’ कितने महान हैं, पत्नी को भी ‘माँ’…

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