बतकही

बातें कही-अनकही…

कथेतर

माधवी ध्यानी : अंग्रेजी भाषा से बच्चों की दोस्ती कराती अध्यापिका

भाग-दो : अंग्रेज़ी कोई हौवा नहीं ! एक नई भाषा सीखना किसी के लिए भी किन रूपों में और कैसे मददगार होता या हो सकता है? किसी व्यक्ति के जीवन में किसी भी नई भाषा की क्या भूमिका हो सकती है? विद्वान् कहते हैं कि एक नई भाषा किसी व्यक्ति को ज्ञान की नई दुनिया में ले जाने में बहुत अधिक मददगार होती है | लेकिन ऐसा क्यों? ज्ञान-अर्जन के लिए तो प्रायः साहित्य, इतिहास,…

कथेतर

संदीप रावत : भाषा के माध्यम से शिक्षा की उपासना में संलग्न एक अध्यापक

भाग-दो :-  बच्चे, भाषा और शिक्षा एक समृद्ध एवं सक्षम भाषा किसी व्यक्ति, समाज एवं देश के जीवन में क्यों आवश्यक है? साथ ही, अपनी भाषा को समय के साथ निरंतर समृद्ध एवं सक्षम बनाते चलना भी क्यों आवश्यक है? इन प्रश्नों का उत्तर इस तथ्य में छिपा है कि कोई भाषा किसी व्यक्ति, परिवार, समाज और देश के जीवन में क्या भूमिका निभा सकती है या निभाती है? इसे समझना हो तो भाषाओँ के…

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मनोहर चमोली ‘मनु’

‘बाल-साहित्य’ के माध्यम से समाज की ओर यात्रा... भाग-एक :- ‘मनोहर चमोली’ होने का अर्थ... सफ़दर हाशमी ने कभी बच्चों को सपनों और कल्पनाओं की दुनिया में ले जाने की कोशिश में उन्हें संबोधित करते हुए लिखा था— “किताबें कुछ कहना चाहती हैं।तुम्हारे पास रहना चाहती हैं॥ किताबों में चिड़िया चहचहाती हैंकिताबों में खेतियाँ लहलहाती हैंकिताबों में झरने गुनगुनाते हैंपरियों के किस्से सुनाते हैं किताबों में राकेट का राज़ हैकिताबों में साइंस की आवाज़ हैकिताबों…

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