बतकही

बातें कही-अनकही…

आलोचना

शिक्षा का अधिकार, सरकारी विद्यालय और वंचित-समाज

अपने कई आलेखों में मैंने यह बात कही है, कि क्यों मैं एक अध्यापक के काम को, पूरे अध्यापक समाज के काम को किसी भी प्रोफ़ेशन से कहीं अधिक महत्वपूर्व एवं उत्तरदायित्वपूर्ण मानती हूँ...| मेरा स्पष्ट मत है, कि यदि किसी डॉक्टर से अपने प्रोफ़ेशन के दौरान ग़लती होती है, तो उससे केवल उतने ही लोग प्रभावित होते हैं, जितने लोगों का ईलाज उस डॉक्टर द्वारा किया गया है | साथ ही, अपनी उन ग़लतियों…

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